घर आने पर शंख ध्वनि के साथ किया नवजात बेटी का स्वागत
प्राचीन समय में जब कुमाऊं क्षेत्र में किसी के घर पर असमय शंख ध्वनि सुनाई देती थी तो लोग समझ जाया करते थे कि किसी के घर में बेटा पैदा हुआ है। कहीं-कहीं यह प्रथा अभी भी जीवित है। गत 23 नवंबर को लोहाघाट निवासी राकेश अधिकारी रिंकू की धर्मपत्नी सौम्या अधिकारी ने जिला अस्पताल चम्पावत में एक बेटी को जन्म दिया। नवजात बेटी को जब 28 नवंबर को अस्पताल से घर लाया गया तो उसकी दादी ने पुष्प वर्षा एवं शंख ध्वनि से जोरदार स्वागत किया। शंख ध्वनि सुनते ही आसपास के लोगों ने अंदाज लगा लिया कि अधिकारी परिवार के घर बेटा पैदा हुआ होगा, जब सब पड़ोसी बधाई देने घर पहुंचे तो पता चला कि घर पर बेटी पैदा हुई है। दादी और नवजात के पिता रिंकू अधिकारी का कहना है कि आज के समय में बेटा बेटी में कोई फर्क नहीं है। बेटियों ने हमेशा घर का मान बढ़ाया है। नवजात बेटी का स्वागत जोरदार स्वागत कर अधिकारी परिवार ने कहीं ना कहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की अवधारणा को सरकार किया है। काश हर नवजात बेटी को इतना ही सम्मान मिलता तो समाज में लिंग भेद तथा रूढ़िवादिता को कम करने या समाप्त करने में बहुत मदद मिलती।
नगेंद्र कुमार जोशी अध्यक्ष
लड़ीधुरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच, बाराकोट