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मन की बात : पीएम मोदी ने की बागेश्वर के पूरन की कला की चर्चा, कहा- उत्तराखंड की लोक विधा में फूंकी नई जान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में बागेश्वर के दृष्टि बाधित लोक विधा के जानकार पूरन सिंह राठौर की कला का जिक्र किया। पूरन ने उत्तराखंड की लोक विधा जागर, न्योली, हुड़काबौल के साथ ही राजुला मालूशाही लोक गाथा के गायन में महारत हासिल की है। पीएम मोदी ने जैसे ही मन की बात कार्यक्रम में पूरन राठौर के नाम का जिक्र किया, वैसे ही वे राष्ट्रीय फलक पर छा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उस्ताद बिस्मिल्ला खां युवा पुरस्कार विजेता पूरन सिंह राठौर की कला का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तराखंड की लोक विधा में नई जान फूंकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरन ने उत्तराखंड की लोक विधा जागर, न्योली, हुड़काबौल के साथ ही राजुला मालूशाही लोक गाथा के गायन में महारत हासिल की है। उन्होंने उत्तराखंड के लोक संगीत में कई पुरस्कार जीते हैं। पीएम ने लोगों से अपील की कि उनके (राठौर) के बारे में जरूर पढ़ें। मालूम हो कि पूरन सिंह राठौर (39) बागेश्वर जिले के रीमा के रहने वाले हैं। जन्म से ही दृष्टि बाधित पूरन की लोक कला के दीवानों की कमी नहीं है। वह इलाके में खासे चर्चित हैं। बीते 15 फरवरी को जब उन्हें प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्ला खां युवा पुरस्कार मिला, वह और चर्चाओं में आ गए। यही पुरस्कार उन्हें पीएम की मन की बात कार्यक्रम तक पहुंचा गया। पूरन सिंह राठौर की चर्चा प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में होने से पूरन सिंह बेहद खुश हैं। देश व प्रदेश के लोगों में पूरन और पूरन की लोक विधा को लेकर जिज्ञासा और बढ़ गई है। पूरन का जन्म 01 जनवरी 1984 को रीमा गांव निवासी सोबन सिंह तथा धर्मादेवी के घर हुआ था। आंखों से दिव्यांग पूरन पढ़ाई तो नहीं कर पाये। स्कूल जाने की उम्र में वह गाय चराने के लिए जंगल जाते थे, लेकिन जंगल में वह पत्थरों में बैठ कर लोक गीत गुनगुनाते थे। आज वह हर मंच पर अपना लोहा मनवा रहे हैं। 11 साल की उम्र में उन्होंने सबसे पहले हम कुशल छ्यू हेमा फौजी दगाड़ा, तुम कुशल रया फूलूं का दगाड़ा… गीत गाया।

सरकार से नहीं मिली कुछ मदद
लोक कलाकार को विधायक, सांसद से लेकर सरकार से कोई मदद नहीं मिली। अपने टूटे-फूटे वाद्य यंत्र से ही उन्होंने प्रधानमंत्री के मन में जगह बनाई है। अब पूरन की कला पूरे देश में गूंजेगी ऐसा उसके साथियों का मानना है। उनका कहना है कि प्रतिभा को बहुत दिन तक नहीं रोका जा सकता है।